harishkaskhet
गुरुवार, 3 जून 2021
बुधवार, 23 मई 2012
UNKE GHAR JANA
उनके घर जाना
उनके घर जाना
अब इतना आसन नहीं रहा
अब ओ इतनी नजदीक नहीं रहती
करते बोले और आखिर मै एक बात है उनकी
की आवाज दो बुला दो
अब उनके पास जाने के लिए
दो मेट्रो बदलनी परती है
घर ऐसा नहीं खुल जा
एक चोकीदार मुछे घूरता ह घुँरता है
नाम काम धाम लिखता लिखता है
मिलने का पयोजन पर आकर अटक जाता
दूर कही भटक जाता हूँ
हरीश जोशी
YE DUNIYAN
ये दुनिया
कभी कही जंगल मै आग लग जाती है
तो कभी कही सुखा पर जाता है
तो कही बार का पानी घरो से होकर विधानसभा मै घुस जाता है
एक छोटी सी भूल से हजारो लोग मरे जाते है
हजारो बेघर बहार हो जाते है
कही धुआ इतना भर जाता है
की पूरा का पूरा जहाज गिर जाता है
कही को जहाज डूब जाता है
ये दुनिया इतनी
विपदाओ से भरी है
की इसमे में मेरा दुःख दुःख कुछ भी नहीं है
हरीश जोशी
मंगलवार, 24 अप्रैल 2012
गुरुवार, 5 अप्रैल 2012
शनिवार, 24 दिसंबर 2011
Anana ki aandhi(bhrastachar)
जन लोक पाल बिल को लाओ
आए है अन्ना की नाम, की आधी
हिल गए है सब दिजग सिम्बल और क्या है गाधी,
अन्ना ने एक आवाज लगाई, उठ गए सब सोये मंत्री
अब तो सब की सामत आए
अब बन गए सभी मंत्री भाई भाई
कहते है अन्ना को छूता भाई
लोक पल से डरते है
जनता के है सच्चे सेवक तो ये क्यों लरते है
रास्त ही मे कदम उठाओ
प्रधानमत्री भी आता है लोक तंत्र मे
उसको भी लोक पाल बिल मे लाओ
संसद मे बेठे मंत्री उनको भी लोक पाल मे लाओ
जन लोक पाल ओ काला वापस लाओ
देश को अब और मत खाओ
अन्ना नहीं तो भगत सिंह जेसे जवान आयेगे
मार मार के भ्रस्ताचार मिटायेगे ,
वन्दे मातरम
शनिवार, 3 दिसंबर 2011
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