बुधवार, 23 मई 2012

UNKE GHAR JANA

 उनके घर जाना 

 उनके घर  जाना 
 अब   इतना  आसन नहीं   रहा 

अब  ओ  इतनी  नजदीक नहीं  रहती 
  करते बोले और आखिर मै  एक बात है उनकी 
की आवाज  दो बुला दो 
अब उनके पास जाने के  लिए 
दो मेट्रो बदलनी परती  है 
घर ऐसा  नहीं  खुल जा 

एक   चोकीदार मुछे घूरता ह घुँरता है 
नाम काम धाम  लिखता लिखता है 
मिलने का पयोजन पर  आकर  अटक जाता 
 दूर  कही भटक जाता हूँ 



हरीश जोशी 

 

YE DUNIYAN

ये दुनिया 
कभी कही जंगल मै  आग लग जाती  है 
तो कभी कही सुखा पर जाता है 
तो कही बार का पानी घरो से होकर विधानसभा मै घुस जाता है 
एक छोटी सी भूल से हजारो लोग मरे जाते है 
हजारो बेघर बहार हो जाते है 
कही धुआ इतना भर जाता है 
की पूरा का पूरा जहाज गिर जाता है 
कही को जहाज डूब जाता है 
ये दुनिया इतनी 
विपदाओ से भरी है 
की इसमे में मेरा दुःख दुःख कुछ भी नहीं है 

हरीश जोशी 




शनिवार, 24 दिसंबर 2011

Anana ki aandhi(bhrastachar)


जन लोक पाल बिल को लाओ
आए है अन्ना  की नाम, की आधी
हिल गए है सब दिजग सिम्बल और क्या है गाधी,
अन्ना ने एक आवाज लगाई, उठ गए सब सोये मंत्री
अब तो सब की सामत आए
अब बन गए सभी मंत्री भाई भाई
कहते है अन्ना को छूता भाई
लोक पल से डरते है
जनता के है सच्चे सेवक तो ये क्यों लरते है
रास्त ही मे कदम उठाओ
प्रधानमत्री भी आता है लोक तंत्र मे 
उसको भी लोक पाल बिल मे लाओ
संसद मे बेठे मंत्री उनको भी लोक पाल मे लाओ 
जन लोक पाल  ओ काला वापस लाओ 
देश को अब और मत खाओ
अन्ना नहीं तो भगत सिंह जेसे जवान आयेगे
मार मार के भ्रस्ताचार मिटायेगे ,
वन्दे मातरम
  




शनिवार, 3 दिसंबर 2011