बुधवार, 23 मई 2012

YE DUNIYAN

ये दुनिया 
कभी कही जंगल मै  आग लग जाती  है 
तो कभी कही सुखा पर जाता है 
तो कही बार का पानी घरो से होकर विधानसभा मै घुस जाता है 
एक छोटी सी भूल से हजारो लोग मरे जाते है 
हजारो बेघर बहार हो जाते है 
कही धुआ इतना भर जाता है 
की पूरा का पूरा जहाज गिर जाता है 
कही को जहाज डूब जाता है 
ये दुनिया इतनी 
विपदाओ से भरी है 
की इसमे में मेरा दुःख दुःख कुछ भी नहीं है 

हरीश जोशी 




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