रविवार, 27 नवंबर 2011
शुक्रवार, 25 नवंबर 2011
pyaar karu kaise...
प्यार करू कैसे...
तुम रंग रूप की तितली हो
मई साथ तुम्हारे ल्लू सा
तुम उख के रश की मीठी हो
मैई साथ तुम्हारे लल्लू सा
अब इस बेफिदी के लोटे में
मई पानी की धार भारू कैसे
मेई तुमसे प्यार करू कैसे
तुम सुंदर हेमा मालिनी सी
मई काम राज सा काला हु
अब इस सकल सेध की उलझन में
मई तुमको सवीकार करू कैसे
मई तम्हे प्यार करू कैसे
जब भी मई सुर में गाता हु
सुने वाले भी घबरा जाते है
रविवार, 13 नवंबर 2011
pyaar kya hai
प्यार क्या है
आदमी का औरत से मिलन
तन का तन से मिलन
यही नही है प्यार
कुछ और भी है प्यार
प्यार ही है जीवन का आधार
प्यार बिना ना मिले आतम सार
प्यार ही है सरसती का सार
इसके अलावा भी है प्यार
गई की बच्दी पर लगी लार
दो आत्माओं का मिलन है प्यार
जगत की साड़ी क्रियाओं का पार
प्यार का बिंदु है अप्रम पार
प्यार ही आदमी का है सार
प्यार से नही पा सकता है कोई पार
अगर किया हो तुमने भी कभी प्यार
तो लिख दो मेरे भाई अपने भी विचार
सारे कर्मो का अनोखा अनुभव है प्यार
कभी मत करना यारो किसी से मिथ्या प्यार
विधार्थी को होता है किताबो से प्यार
प्र्रेमी का प्रेमिका से प्यार
भवरा करता है कमल से प्यार
बस तना सा ही नही है प्यार
इसके अलावा भी होता है प्यार
प्यार होता है दो प्राणियो का आधार
इंसान की वैज्ञानिक खोज नही है प्यार
इश्वर की अनमोल दें है प्यार
कामदेव के पास भरा है प्यार का अथा भण्डार
हर किसी के दिल में बसा है प्यार
कभी सोचा है तुमने क्या है पया
क्यों था क्रिशन को गोपियों से प्यार
गोपिय क्यों करती थी क्रिशन पर जान निशार
हर किसी के मस्तिक की पहली उपज है प्यार
हाथो की हलचल व् पैर्रो की थिरकन नही है प्यार
एक दुश्रे के विचाओर को समझना है प्यार
क्या यह है प्यार.....
हरदया गाथा :::::::: हरीश जोशी जी
आदमी का औरत से मिलन
तन का तन से मिलन
यही नही है प्यार
कुछ और भी है प्यार
प्यार ही है जीवन का आधार
प्यार बिना ना मिले आतम सार
प्यार ही है सरसती का सार
इसके अलावा भी है प्यार
गई की बच्दी पर लगी लार
दो आत्माओं का मिलन है प्यार
जगत की साड़ी क्रियाओं का पार
प्यार का बिंदु है अप्रम पार
प्यार ही आदमी का है सार
प्यार से नही पा सकता है कोई पार
अगर किया हो तुमने भी कभी प्यार
तो लिख दो मेरे भाई अपने भी विचार
सारे कर्मो का अनोखा अनुभव है प्यार
कभी मत करना यारो किसी से मिथ्या प्यार
विधार्थी को होता है किताबो से प्यार
प्र्रेमी का प्रेमिका से प्यार
भवरा करता है कमल से प्यार
बस तना सा ही नही है प्यार
इसके अलावा भी होता है प्यार
प्यार होता है दो प्राणियो का आधार
इंसान की वैज्ञानिक खोज नही है प्यार
इश्वर की अनमोल दें है प्यार
कामदेव के पास भरा है प्यार का अथा भण्डार
हर किसी के दिल में बसा है प्यार
कभी सोचा है तुमने क्या है पया
क्यों था क्रिशन को गोपियों से प्यार
गोपिय क्यों करती थी क्रिशन पर जान निशार
हर किसी के मस्तिक की पहली उपज है प्यार
हाथो की हलचल व् पैर्रो की थिरकन नही है प्यार
एक दुश्रे के विचाओर को समझना है प्यार
क्या यह है प्यार.....
हरदया गाथा :::::::: हरीश जोशी जी
शनिवार, 12 नवंबर 2011
MATA NAITHNA DEVI SHAKTI PIT
JAI MATA DI
JAI MATA DI.. YE SHAKTI PIT NAITHANA DEVI MANDIR KI HAI..Es shakti ke bare mai kaha jata hai ki gram Naila ke ek aadmi ki gay yahan rose raat mai dudh charane aati thi .Or aapne ghar mai dudh nahi dethi thi.Us aadmi ne apni gay ka pichha kiya..Usne dekha ki meri gay dudh dene kahan jati hai. Jab.dekha to ki gay dudh ma ki shaki mai deti hai..
Us aadmi ne mata ki shakti ke do tukre kar diye the.. Uske bad yahan madir ki sathapna kar di thi..
Es mandir se angrejo ke time mai delhi sanket rat kiye jate the.. Ye mandir ek uche pahar mai hai..Yahan tak jane ke liye bus ki subidha bhi hai.Aaj kal es mandir mai niarmar kary bhi chal raha hai..
JAI DEVI MATA KIशुक्रवार, 11 नवंबर 2011
सदस्यता लें
संदेश (Atom)